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'Court Kacheri की समीक्षा: एक और भावनात्मक TVF कृति जो 'अपने दिल की सुनो' का असली मतलब दिखाती है 3.5/5 SonyLIV'

‘Court Kacheri की समीक्षा: एक और भावनात्मक TVF कृति जो ‘अपने दिल की सुनो’ का असली मतलब दिखाती है 3.5/5 SonyLIV’

कोर्ट कचहरी: दिल को छू लेने वाली कहानी

जब हम किसी फिल्म या वेब सीरीज़ की बात करते हैं, तो उसमें निहित भावनाएँ और संदेश हमें गहराई से प्रभावित करते हैं। कोर्ट कचहरी, TVF की एक नई पेशकश, इसी भावना को जीवंत करती है। यह श्रृंखला न केवल एक कोर्टरूम ड्रामा है, बल्कि यह हमें यह भी सिखाती है कि अपने दिल की सुनना कितना महत्वपूर्ण है।

कहानी का सारांश

कोर्ट कचहरी की कहानी है पारम माथुर (आशीष वर्मा) की, जो अपने पिता हरिश माथुर (पवन मल्होत्रा) की वकील बनने की विरासत को निभाने के लिए मजबूर है। इस श्रृंखला में पारिवारिक संघर्ष, नीति के द dilemmas, और एक छोटे शहर की अदालत की अराजकता को दर्शाया गया है। यहाँ हम देखते हैं कि कैसे पारम अपने सपनों के पीछे भागने की कोशिश करता है, जबकि उसके पिता उस पर अपने सपनों का बोझ डालते हैं।

पारिवारिक संघर्ष

भारतीय परिवारों में यह सामान्य धारणा होती है कि पिता का पेशा बेटे का भी होना चाहिए। ऐसा ही कुछ पारम के साथ होता है। वह अपने पिता की उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश करता है, जबकि उसका दिल कुछ और चाहता है। पारम का सपना है कि वह दुबई में होटल मैनेजर बने, लेकिन यह सपना उसके परिवार की अपेक्षाओं से टकराता है।

इस संघर्ष में, हम एक महत्वपूर्ण किरदार सूरज (पuneet बत्रा) से भी मिलते हैं, जो पारम का साथी है और हरिश का अनुयायी। सूरज की मदद से पारम कई बार मुश्किलों से निकलता है। लेकिन जब पारम को पुलिस से एक एनओसी की जरूरत होती है, तब वह अपने दिल की बातें खुलकर कहता है। यह क्षण भावनात्मक है और दर्शकों को सोचने पर मजबूर करता है कि क्या हम हमेशा अपने माता-पिता की इच्छाओं का पालन करना चाहिए?

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अभिनय की चमक

कोर्ट कचहरी में पवन मल्होत्रा और आशीष वर्मा के अभिनय ने तो कमाल कर दिया है। दोनों ने अपने किरदारों में जान डाल दी है। पवन का हरिश, जो एक सख्त लेकिन प्यार करने वाला पिता है, और आशीष का पारम, जो अपने सपनों के पीछे भागता है, दोनों ही दिल को छू जाते हैं।

सूरज का किरदार निभाने वाले पुणीत बत्रा भी अपने अदाकारी से कहानी में जान डालते हैं। उनकी दोस्ती और संघर्ष का चित्रण अत्यंत प्रभावशाली है।

निर्देशन और सिनेमैटोग्राफी

इस श्रृंखला का निर्देशन रुचिर अरुण ने किया है, जिन्होंने इसे सरल और प्रभावशाली बनाया है। हर दृश्य में एक गहराई है, जो दर्शकों को बांधे रखती है। कोर्ट कचहरी की सिनेमैटोग्राफी भी कमाल की है, जिसमें छोटे शहर की अदालत का माहौल बखूबी दर्शाया गया है।

संगीत का जादू

संगीत ने इस श्रृंखला में जान डाल दी है। हर भावनात्मक क्षण को संगीत के माध्यम से और भी गहरा किया गया है।

दर्शकों की प्रतिक्रिया

दर्शकों ने इस श्रृंखला को काफी सराहा है। यह सिर्फ एक कोर्टरूम ड्रामा नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा सफर है जो हर युवा को अपने सपनों की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।

निष्कर्ष

कोर्ट कचहरी एक दिल को छू लेने वाली और प्रेरणादायक श्रृंखला है, जो हमें याद दिलाती है कि हमें अपने दिल की सुननी चाहिए। यह श्रृंखला अब SonyLIV पर स्ट्रीमिंग कर रही है और इसे 5 में से 3.5 की रेटिंग दी गई है।

क्या आपने कभी अपने सपनों को अपने परिवार की इच्छाओं के लिए छोड़ा है? इस कहानी ने आपको किस हद तक प्रभावित किया?

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