गनोशत्रु: एक सच्ची अपराध की कहानियों का संकलन
क्या आपने कभी सोचा है कि एक इंसान को अपराध की राह पर किसने धकेला? "गनोशत्रु", एक बेहतरीन बांग्ला वेब सीरीज़, इसी गूढ़ प्रश्न का उत्तर खोजती है। यह सीरीज़ वास्तविक जीवन की पांच अपराध कहानियों को जोड़ती है, जो न केवल दिल दहला देने वाली हैं, बल्कि हमारे समाज में छिपे हुए गहरे सवालों को भी उजागर करती हैं।
कहानी का सारांश
"गनोशत्रु" हमें पश्चिम बंगाल के अपराध की दुनिया में ले जाती है, जहां एक से एक भयानक घटनाएं घटित होती हैं। यह सीरीज़ उन लोगों की कहानियाँ बुनती है, जो या तो परिस्थितियों के मारे हुए थे या फिर जिनका जीवन ही अपराध की ओर मोड़ दिया गया। इन कहानियों में अपराधियों का मनोविज्ञान, उनके भूतकाल और समाज द्वारा किए गए अन्याय को बखूबी दर्शाया गया है।
पहले अपराध की कहानी: साजल बरुई
पहली कहानी साजल बरुई की है, जिसे आयुष दास ने जीवंत किया है। साजल का अपराध का सफर कोलकाता, आसनसोल और मुंबई में फैला हुआ है। एक बच्चे के रूप में माता-पिता के अलगाव और अपमानजनक व्यवहार ने उसे इस राह पर लाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उसकी कहानी यह दर्शाती है कि कैसे उपेक्षा और यातना किसी इंसान को बर्बाद कर सकती है। आयुष का अभिनय इतना प्रभावशाली है कि उनकी आँखों में दर्द और गुस्सा साफ झलकता है।
दूसरे अपराध की कहानी: कमरुज्जमान सरकार
दूसरी कहानी कमरुज्जमान ‘चेनमैन’ की है, जिसे देबप्रियो मुखर्जी ने निभाया है। चेनमैन की मानसिक स्थिति उसके अपराधों का मुख्य कारण है। यह कहानी हमें दिखाती है कि कैसे अंधविश्वास और पागलपन एक इंसान को खतरनाक बना सकते हैं। देबप्रियो ने इस रोल में अपनी अदाकारी से दर्शकों को सिहरन दी है।
तीसरे अपराध की कहानी: ट्रेलोक्या तारिणी
अब बारी है भारत की पहली महिला सीरियल किलर, ट्रेलोक्या तारिणी की, जिसे पाओली दाम ने बखूबी निभाया है। यह कहानी ब्रिटिश काल की है, जब एक महिला को समाज के अत्याचारों का सामना करना पड़ा। पाओली का किरदार न केवल मजबूत है, बल्कि यह दर्शाता है कि कैसे एक महिला अपने दर्द को शक्ति में बदल सकती है। उनकी अदाकारी ने इस जटिल किरदार को जीवंत बना दिया है।
चौथे अपराध की कहानी: राशिद खान
राशिद खान, जिसे ‘सट्टा किंग’ के नाम से जाना जाता है, की कहानी हमें दिखाती है कि कैसे एक भाई की जिम्मेदारी उसे अपराध की ओर ले जाती है। सुभ्रता दत्ता ने राशिद के किरदार में जान डाल दी है, जो ambition और नैतिक पतन के बीच झूलता है। इस कहानी में धन और शक्ति की लालसा के चलते हुए पतन को बखूबी दर्शाया गया है।
पांचवे अपराध की कहानी: शुभमाल दास
अंत में, शुभमाल ‘हब्बा शुभमाल’ की कहानी है, जो अत्यधिक हिंसक और खतरनाक है। रुड्रनील घोष ने इस किरदार को इतनी शानदार तरीके से निभाया है कि दर्शकों को भय और सम्मान दोनों महसूस होता है। यह कहानी शक्ति और हिंसा के बीच की जंग को दर्शाती है, जिसमें अंततः व्यक्ति की हार होती है।
निष्कर्ष
"गनोशत्रु" हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या ये लोग वास्तव में अपराधी थे या समाज की उपेक्षा और अन्याय ने उन्हें इस राह पर धकेल दिया? यह सीरीज़ एक बेहतरीन निर्देशन और अदाकारी के साथ, वास्तविकता की परतों को खोलती है, जो दर्शकों को गहराई से सोचने पर मजबूर करती है।
"गनोशत्रु" अब ZEE5 और OTTplay Premium पर स्ट्रीमिंग हो रही है। इसे 5 में से 3.5 की रेटिंग दी गई है।
क्या आपको लगता है कि हम किसी व्यक्ति के अपराध के लिए समाज को भी जिम्मेदार ठहरा सकते हैं? इस पर आपकी क्या राय है?









