गृह प्रवेश: एक प्यार भरी कहानी
क्या आपने कभी सोचा है कि एक साधारण सा त्योहार आपकी जिंदगी को कैसे बदल सकता है? "गृह प्रवेश" फिल्म में यह कहानी हमें बिल्कुल इसी तरह के एहसासों से गुजराती है। यह फिल्म एक युवा दुल्हन, तितली की कहानी है, जो कोलकाता के एक भव्य राजबाड़ी में रहती है। यह कहानी हमें उस समय की ओर ले जाती है जब दुर्गा पूजा का त्योहार पूरे शहर को रोशन करता है।
जैसे ही कहानी आगे बढ़ती है, हम देखते हैं कि तितली का पति अचानक गायब हो जाता है। अब तितली अकेली अपने सास-ससुर के साथ उस पुराने महल में रह जाती है। लेकिन हार मानने के बजाय, वह उस महल को एक होमस्टे में बदल देती है। इस कदम से वह न केवल नए लोगों से मिलती है, बल्कि अपनी जिंदगी में नए अवसर भी खोलती है।
फिल्म में एक और दिलचस्प मोड़ तब आता है जब मेघदूत नाम का एक आकर्षक मेहमान उसके जीवन में प्रवेश करता है। अब तितली को अपने कर्तव्यों और इच्छाओं के बीच एक बड़ा चुनाव करना है। क्या वह अपने पति के प्रति अपनी वफादारी निभाएगी, या अपने दिल की आवाज सुनेगी?
"गृह प्रवेश" एक प्रेम, खोने और फिर से खोजने की कहानी है, जो हमें भारतीय परंपराओं और दुर्गा पूजा के रंगीन माहौल में ले जाती है। यह फिल्म हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि प्यार और परिवार के बीच का संतुलन कैसे बनाना चाहिए।
यह फिल्म ओटीटी प्लेटफॉर्म होइचोई पर 24 अक्टूबर 2025 को रिलीज़ हुई है।
अब, जब आप तितली की कहानी को सुनते हैं, तो क्या आपको लगता है कि कभी-कभी अपने दिल की सुनना सही होता है, भले ही यह पारिवारिक जिम्मेदारियों के खिलाफ जाए? क्या आप अपने कर्तव्यों को प्राथमिकता देंगे या अपने दिल की आवाज़ को? आइए, इस पर चर्चा करें!









