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'Inspection Bungalow की समीक्षा: शाबरीश वर्मा की सीरीज पुरानी और डरावनी है, 'हॉरर' को कॉमेडी में बदल देती है 2.5/5 ZEE5'

‘Inspection Bungalow की समीक्षा: शाबरीश वर्मा की सीरीज पुरानी और डरावनी है, ‘हॉरर’ को कॉमेडी में बदल देती है 2.5/5 ZEE5′

इंस्पेक्शन बंगला: एक भयावह हास्य यात्रा

क्या आपने कभी किसी खंडहर में जाने की सोची है? वो भी तब, जब गांव वाले कहते हों कि वो जगह प्रेतों से भरी हुई है? इंस्पेक्शन बंगला हमें इसी रहस्यमय और हास्यपूर्ण सफर पर ले जाता है। यह सीरीज, जो कि शाबरीश वर्मा द्वारा प्रस्तुत की गई है, एक अनोखी कहानी है जो आपको डराने के बजाय हंसाने का प्रयास करती है। लेकिन क्या यह कोशिश सफल होती है? चलिए, जानते हैं।

कहानी का सफर

कहानी शुरू होती है अरवंगद गांव से, जहां के लोग एक पुरानी इंस्पेक्शन बंगले से डरते हैं। कहा जाता है कि इस बंगले में उन लोगों की आत्माएं भटकती हैं, जो यहां रहकर रहस्यमय परिस्थितियों में मर गए थे। एक दिन, गांव के नाकारा पुलिसकर्मियों की एक टोली, जिसमें SHO विष्णु भी शामिल हैं, इस बंगले में रहने के लिए भेजी जाती है। क्या सच में बंगला भूतिया है, या ये सब सिर्फ गांववालों की कल्पना है?

हास्य का तड़का

इस सीरीज में पुलिसकर्मियों की सादगी और उनकी अजीबोगरीब हरकतें दर्शकों को हंसाने का काम करती हैं। जैसे कि एक SHO जो पूजा के बाद ही अपनी ड्यूटी शुरू करता है, और पुलिसकर्मियों का नारियल खोजने का प्रयास। ये सारे क्षण हमें एक हल्का-फुल्का अनुभव देते हैं, जो कि इस सीरीज का सकारात्मक पहलू है।

अदाकारी की नजर

शाबरीश वर्मा, जिन्होंने ‘प्रेमम’ में शानदार प्रदर्शन किया था, इस बार भी अपनी भूमिका में रंग भरते हैं। वे अपने किरदार में कॉमेडी का तड़का लगाते हैं, जो देखने में काफी मजेदार लगता है। वहीं, साजू श्रीधर ने एक नास्तिक, गंभीर पुलिसकर्मी का किरदार निभाया है जो कहानी में एक नया रंग भरता है। लेकिन कुछ किरदारों का प्रदर्शन साधारण और नीरस लगता है, जो कि दर्शकों को प्रभावित नहीं कर पाते।

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निर्देशन और सिनेमैटोग्राफी

इस सीरीज का निर्देशन SS सैजू ने किया है, जो कहानी को एक नया मोड़ देने की कोशिश करते हैं। लेकिन, कुछ दृश्य और तकनीकें ऐसा लगता है कि 2000 के दशक की टेलीविजन धारावाहिकों से प्रेरित हैं, जिससे देखने का अनुभव थोड़ा कमजोर हो जाता है।

संगीत और दर्शकों की प्रतिक्रिया

संगीत का इस्तेमाल कहानी को आगे बढ़ाने में मदद करता है, लेकिन कभी-कभी यह भी हास्य के साथ मेल नहीं खाता। दर्शकों की प्रतिक्रिया मिली-जुली रही है; कुछ इसे मनोरंजक मानते हैं, जबकि अन्य इसे पुरानी शैली का बताते हैं।

निष्कर्ष

इंस्पेक्शन बंगला एक मजेदार प्रयास है, लेकिन इसके डरावने तत्व थोड़े पुराने नजर आते हैं। यदि निर्माताओं ने नए horror tropes का सहारा नहीं लिया होता, तो शायद ये सीरीज और भी बेहतर होती। यह वेब सीरीज OTTplay पर उपलब्ध है और इसे 5 में से 2.5 की रेटिंग दी गई है।

क्या आप भी उन पुरानी डरावनी कहानियों से उब गए हैं और नई शैली की कॉमेडी देखने के लिए तैयार हैं? आइए, इस पर चर्चा करें!

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