काल त्रिगोड़ी: एक अद्भुत डरावनी कहानी
क्या आपने कभी सोचा है कि एक रात, जब चाँद की रोशनी में साया बनता है, तो क्या हो सकता है? फिल्म "काल त्रिगोड़ी" हमें ऐसी ही एक भयावह यात्रा पर ले जाती है। यह फिल्म 14 नवंबर 2025 को रिलीज़ होने जा रही है, और इसकी कहानी आपको एक अद्भुत दुनिया में ले जाएगी, जहाँ मिथक और वास्तविकता का अद्भुत मेल होता है।
कहानी की शुरुआत होती है हर सौ साल में आने वाले एक दुर्लभ खगोलीय संयोग से, जब चैतरा अमावस्या, चैतरा पूर्णिमा और बैशाखी अमावस्या एक ही महीने में आती हैं। प्राचीन किंवदंतियों में कहा गया है कि ये तीन शापित रातें त्रिगोड़ी नामक एक काली शक्ति को जगाती हैं, जो केवल मिथक और अंधविश्वास से बनी है।
इस खतरनाक चक्र में फंस जाते हैं तीन मुख्य पात्र:
- रवीराज – एक ऐसा आदमी जो काले जादू और प्राचीन अनुष्ठानों का दीवाना है।
- माधुरी – उसकी तार्किक पत्नी, जो इन अंधविश्वासों को केवल बेवकूफी मानती है।
- डॉ. मनोज – उनका परिवारिक मित्र, जो माधुरी से secretly प्यार करता है।
जब एक रहस्यमयी हवेली में अजीब घटनाएँ घटने लगती हैं, जैसे काले बिल्लियाँ, वूडू गुड़िया और भयावह रहस्य, तब हकीकत और मिथक के बीच की रेखा धुंधली होने लगती है। क्या यह एक अलौकिक गणना है, या प्राचीन लोककथाओं में छिपा एक sinister conspiracy है?
"काल त्रिगोड़ी" एक ऐसी कहानी है जो डर, जुनून और अस्तित्व की लड़ाई को दर्शाती है, और यह वास्तविक खगोलीय घटनाओं और भारतीय पौराणिक कथाओं से प्रेरित है।
अगर आप इस रहस्यमयी और थ्रिलर से भरी फिल्म का अनुभव करना चाहते हैं, तो ध्यान दीजिए! यह फिल्म थियेटर में रिलीज़ हो रही है, और आप इसे अपने नजदीकी सिनेमा हॉल में देख सकते हैं।
क्या आप भी उन रातों का सामना करने के लिए तैयार हैं जब अंधेरा अपनी पूरी ताकत से सामने आता है? "काल त्रिगोड़ी" आपको सोचने पर मजबूर करेगी कि क्या सच में कुछ शक्तियाँ हैं जो हमारे चारों ओर छिपी हुई हैं। अपने विचार हमारे साथ साझा करें — क्या आप मानते हैं कि मिथक में सचाई होती है?









