कोठापल्लीलो ओकाप्पुडु: एक अनोखी कहानी
किसी भी छोटे से गाँव में जब कोई नया किस्सा सुनने को मिलता है, तो वह वहाँ के लोगों के दिलों में एक खास जगह बना लेता है। ऐसा ही कुछ है फिल्म "कोठापल्लीलो ओकाप्पुडु" में। यह फिल्म हमें एक ऐसे गाँव की कहानी सुनाती है, जहाँ रामकृष्ण, जो एक निश्चिंत नृत्य कार्यक्रम आयोजक है, अपने सपनों में प्यार, सम्मान और थोड़ी शांति की खोज करता है।
गाँव की रौनक में जब रामकृष्ण को सवित्री से प्यार हो जाता है, तो वह उसे नृत्य सिखाने के लिए अदिलक्ष्मी की मदद लेता है। लेकिन जैसे ही यह खबर फैलती है, गाँव में अफवाहों का बाजार गर्म हो जाता है। एक गलत सगाई और एक अजीब घटना के चलते रामकृष्ण को एक दिव्य किंवदंती गढ़ने के लिए मजबूर होना पड़ता है ताकि वह इस अराजकता से बच सके।
यहाँ से कहानी एक दिलचस्प मोड़ लेती है। एक साधारण झूठ कैसे एक बड़े मिथक में बदल जाता है, यह दर्शाता है कि किस तरह से गाँव के लोगों की आस्था और विश्वास को नया आकार मिलता है। जातिवाद, पितृसत्ता और अंधविश्वास के टकराव को दर्शाते हुए, "कोठापल्लीलो ओकाप्पुडु" यह बताता है कि कैसे एक आदमी की भागने की योजना सामूहिक सांस्कृतिक जागरूकता में बदल जाती है।
इस फिल्म में रवींद्र विजय, मनोज चंद्र, उज्जा बोनेला, मोनिका टी, शाइनिंग फणी और कई अन्य कलाकारों ने अद्भुत अभिनय किया है। इसे प्रवीना पारुचुरी और किरन आर द्वारा निर्देशित किया गया है और इसकी अवधि लगभग 2 घंटे 3 मिनट है।
फिल्म ने दर्शकों का दिल जीत लिया है और इसे 8.6 की शानदार रेटिंग मिली है। "कोठापल्लीलो ओकाप्पुडु" 17 जुलाई 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई और इसके बाद यह 22 अगस्त 2025 को ओटीटी प्लेटफॉर्म "आहा" पर भी उपलब्ध होगी।
क्या आपने कभी सोचा है कि एक साधारण सी कहानी कैसे एक पूरे गाँव के जीवन को बदल सकती है? चलिए, इस विषय पर चर्चा करते हैं!









