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'Saiyaara का अंत: क्या Ahaan Panday का Krish और Aneet Padda की Vaani एक साथ होते हैं?'

‘Saiyaara का अंत: क्या Ahaan Panday का Krish और Aneet Padda की Vaani एक साथ होते हैं?’

सईयारा: एक प्रेम कहानी का जादुई अंत

कभी-कभी, एक फिल्म हमें हमारी भावनाओं के सबसे गहरे कोनों में ले जाती है। मोहित सूरी की "सईयारा" भी ऐसी ही एक फिल्म है, जिसने दर्शकों के दिलों में एक खास जगह बना ली है। इस रोमांटिक ड्रामा ने न केवल प्यार की जटिलताओं को दर्शाया है, बल्कि इसे देखने वालों के दिलों में एक छाप भी छोड़ी है। आइए, जानते हैं इस फिल्म के अंत में क्या होता है और क्या हमारे नायक-कृष और वाणी, एक-दूसरे के साथ रह पाते हैं?

वाणी और कृष्ण की कहानी

फिल्म में, अहान पंडे ने कृष्ण कपूर का किरदार निभाया है, जबकि अनीत पड्डा ने वाणी की भूमिका निभाई है। कहानी में एक गहरा मोड़ तब आता है जब वाणी को प्रारंभिक अल्जाइमर रोग हो जाता है। वह न केवल अपनी सामान्य यादें भूलने लगती है, बल्कि अपने जीवन के सबसे बड़े प्यार, कृष्ण को भी भूल जाती है।

कृष अपने प्रेमिका का साथ देने की भरपूर कोशिश करता है, लेकिन जब वाणी अपने पूर्व प्रेमी महेश को भी भूल जाती है, तब स्थितियाँ और भी गंभीर हो जाती हैं। महेश, जो वाणी का कॉलेज सीनियर था, इस मौके का फायदा उठाने की कोशिश करता है, लेकिन कृष्ण उसे रोक देता है।

एक दिल को छू लेने वाली घटना

किसी पल, वाणी कृष्ण को महेश के नाम से पुकारती है, लेकिन कृष्ण अपने दिल के दर्द को अपने अंदर समेटे रखता है। वह वाणी को एक कहानी सुनाता है, जिसमें वह अपने दोस्त की प्रेमिका के खोने के बारे में बात करता है। इस बातचीत के दौरान, वाणी एक गाना "सईयारा" लिखती है और कृष्ण से कहती है कि उसे अपने दोस्त को सुनाना चाहिए। वह विश्वास करती है कि इससे उसकी प्रेमिका कभी नहीं जाएगी।

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गायब होना और खोज

एक दिन, वाणी अचानक कृष्ण की ज़िंदगी से गायब हो जाती है। कृष्ण महीनों तक उसकी तलाश करता है, लेकिन अंततः उसे एहसास होता है कि "सईयारा" गाने को एक हिट बनाना ही वाणी को वापस लाने का एकमात्र तरीका है। वह और उसकी बैंड "सईयारा" को एक वैश्विक सफलता बनाते हैं, जिससे वे वेम्बली स्टेडियम में एक अंतरराष्ट्रीय कॉन्सर्ट का आयोजन करते हैं।

यादों की वापसी

इस बीच, वाणी ने सब कुछ भूल रखा है, यहां तक कि कृष्ण को भी। लेकिन कृष्ण की कोशिशें रंग लाती हैं, और अंततः वाणी कृष्ण कपूर को पहचान लेती है। दोनों वेम्बली में कॉन्सर्ट के लिए जाते हैं और अपनी सफलता का जश्न मनाते हैं।

प्यार की जीत

फिल्म के अंत में, वाणी और कृष्ण की शादी होती है। उनकी शादी के रस्में दर्शकों के लिए एक सुखद समापन का अनुभव देती हैं। कहानी भले ही साधारण हो, लेकिन मोहित सूरी की निर्देशन और अहान एवं अनीत की जोड़ी इसे एक व्यावसायिक और आलोचनात्मक सफलता बनाने में सफल रही है।

"सईयारा" आपको यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या प्यार सच में हर चीज़ को जीत सकता है? क्या आप भी किसी ऐसे रिश्ते में हैं जहां यादें और प्यार एक-दूसरे के साथ चलते हैं?

यह फिल्म आपको कौन-सी याद दिलाती है? इसे देखने के लिए आप Netflix पर जरूर जाएं!

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